थर्ड पार्टी बैंकिंग फ्रॉड पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ऐसे मामलों में कस्टमर की नहीं होगी कोई जिम्मेदारी
Bombay High Court on Banking Fraud: बंबई हाईकोर्ट ने साइबर अपराध पर बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट के मुताबिक थर्ड पार्टी के उल्लंघन के कारण अनाधिकृत लेनदेन में ग्राहक की कोई गलती नहीं मानी जाएगी.
Bombay High Court on Banking Fraud: मुंबई उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि जब भी कोई अनधिकृत लेनदेन किसी थर्ड पार्टी के उल्लंघन के कारण होता है और इसमें बैंक या ग्राहक की नहीं, बल्कि सिस्टम में कहीं कमी होती है, तो ऐसे मामले में ग्राहक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती. न्यायालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) को एक कंपनी के बैंक खाते से धोखाधड़ी से निकाले गए 76 लाख रुपये वापस करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया है.
Bombay High Court on Banking Fraud: बैंक ऑफ बड़ोदा को 76 लाख रुपए वापस करने का दिया निर्देश
उ्च्च न्यायालय जयप्रकाश कुलकर्णी और फार्मा सर्च आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसमें बैंकिंग लोकपाल द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा को साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से कथित रूप से उनके खाते से निकाले गए 76 लाख रुपये की राशि वापस करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया गया था. उच्च न्यायालय की पीठ ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी जुलाई, 2017 के एक सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के पास उपभोक्ता संरक्षण नीति (अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन) नामक एक नीति है जो इसी बात को दोहराती है.
Bombay High Court on Banking Fraud: समयसीमा के अंदर बैंक को सूचित कर सकता है ग्राहक
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार निर्दोष लोग साइबर धोखाधड़ी का शिकार बन रहे हैं. खंडपीठ ने कहा, ‘आरबीआई के सर्कुलर और बैंक की नीति के अनुसार, जब अनधिकृत लेनदेन किसी तीसरे पक्ष के उल्लंघन के कारण होता है, तो ग्राहक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है. इसमें कमी न तो बैंक की होती है और न ही ग्राहक की, बल्कि तंत्र में कहीं और होती है और ग्राहक एक निश्चित समयसीमा के भीतर अनधिकृत लेनदेन के बारे में बैंक को सूचित करता है.’
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
अदालत ने कहा कि इसलिए अनधिकृत लेनदेन के संबंध में याचिकाकर्ताओं की देयता शून्य होगी क्योंकि लेनदेन तीसरे पक्ष के उल्लंघन के कारण हुआ है, जिसमें कमी न तो बैंक की है और न ही याचिकाकर्ताओं की है.
09:19 PM IST